Tuesday, February 1, 2011

Sapne sach nahi hote

क्यूँ देखते है हम सपने जो
कभी सच नहीं होते,
क्यूँ मिलते है लोग जो
हमे कभी तो है खोने होते.

गलती  फिर  भी हमने की है
इसमें कोई  शक  नहीं ,
पर  उस  गलती  के  लिए
क्या  हमे  रोने  का  भी  हक  नहीं .

रोते इसलिए है क्यूंकि
उस से दिल बहल जाता है
क्यूंकि करते है हम याद तुम्हे
तो  दिल  दहल जाता  है.

ऐसा  नहीं  की  हमने  खुश  रहने  की  कोशिश  नहीं  की ,
पर  क्या  करें  काफी  अरसे  से  तुम्हारे  बिना  ज़िन्दगी  नहीं  जी.

हैं  वक़्त  का  फैसला  की
अब  हमें  तनहा  जीना  पड़ेगा,
जो  भी  हुए  है  ज़ख़्म
उन्हें  दर्द  सह के  भी  सीना  पड़ेगा .

-- कर्मवीर शर्मा (karmveer Sharma)

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