Friday, January 21, 2011

Poem ..

इन कविताओं में सभी भाव काल्पनिक है और यदि किसी भी भाव से कुछ मेल खाता हैं तो वो महज एक इतफाक  है.




ए इंसान तू नशे के लिए
शराब को ना दे दोष,
कभी तो तुने भी खोया होगा
प्यार के नशे में होश.
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हमारी कवितावो से हमारे  हाल का कोई वास्ता नहीं.
घिरे हैं ऐसी राहों में जहा से आगे का कोई रास्ता नहीं.

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दोस्त ने चंद शब्द सुन के वाह  वाह  करी  हैं.
गम सिर्फ हमे मालूम हैं क्यूंकि आहें हमने भरी हैं.
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ये रिश्ते भी बड़े अजीब हैं.
कभी दूर तो कभी करीब हैं.
जिसको खुशी मिली उसका नसीब हैं
वरना  शायर बनना करीब हैं.
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हर बीतते पल से लगे की मिलने की घड़ी पास हैं.
वो बात अलग हैं की घड़ी रुकी हैं और ये झूठी आस हैं.

............After comments from Rahul and shweta.....................
दोस्त ने यहाँ पढ़ के  पूछा कर्म क्या हो गया ,
पूछने से ही लगा जैसे सारा गम कहीं खो गया.

.............After comment from Anshuman..................................
कुछ रिश्तो के इतिहास ने हमें शायर बना दिया.
और कुछ के दबाव ने हमे कायर बना दिया.

7 comments:

  1. kya ho gaya hai tujhe????
    pehli baar itni serious poem??

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  2. chalo ye bhi achcha hai ... kuch nahi to shayar to bana hi dete hai ye :)

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  3. so deep it is.....feel like reading it again and again.....

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  4. woww.......this is really beautiful karm :) truly nice

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  5. @ Shalini ne apne comment me "Deep" ko yaad kiya aur DEEPA haazir :-P

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  6. nice poem...

    @ karm bhaiya : ye shayari kab se shuru huyi ?? :P

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