Saturday, February 12, 2011

Safar


सफ़र में पूछा किसी ने
किस Platform पे करते हो काम
दिल ने कहा रेलवे का भिखारी  नहीं हु
क्यों करते हो S/w engg का नाम बदनाम

Tuesday, February 1, 2011

Sapne sach nahi hote

क्यूँ देखते है हम सपने जो
कभी सच नहीं होते,
क्यूँ मिलते है लोग जो
हमे कभी तो है खोने होते.

गलती  फिर  भी हमने की है
इसमें कोई  शक  नहीं ,
पर  उस  गलती  के  लिए
क्या  हमे  रोने  का  भी  हक  नहीं .

रोते इसलिए है क्यूंकि
उस से दिल बहल जाता है
क्यूंकि करते है हम याद तुम्हे
तो  दिल  दहल जाता  है.

ऐसा  नहीं  की  हमने  खुश  रहने  की  कोशिश  नहीं  की ,
पर  क्या  करें  काफी  अरसे  से  तुम्हारे  बिना  ज़िन्दगी  नहीं  जी.

हैं  वक़्त  का  फैसला  की
अब  हमें  तनहा  जीना  पड़ेगा,
जो  भी  हुए  है  ज़ख़्म
उन्हें  दर्द  सह के  भी  सीना  पड़ेगा .

-- कर्मवीर शर्मा (karmveer Sharma)

Friday, January 21, 2011

Poem ..

इन कविताओं में सभी भाव काल्पनिक है और यदि किसी भी भाव से कुछ मेल खाता हैं तो वो महज एक इतफाक  है.




ए इंसान तू नशे के लिए
शराब को ना दे दोष,
कभी तो तुने भी खोया होगा
प्यार के नशे में होश.
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हमारी कवितावो से हमारे  हाल का कोई वास्ता नहीं.
घिरे हैं ऐसी राहों में जहा से आगे का कोई रास्ता नहीं.

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दोस्त ने चंद शब्द सुन के वाह  वाह  करी  हैं.
गम सिर्फ हमे मालूम हैं क्यूंकि आहें हमने भरी हैं.
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ये रिश्ते भी बड़े अजीब हैं.
कभी दूर तो कभी करीब हैं.
जिसको खुशी मिली उसका नसीब हैं
वरना  शायर बनना करीब हैं.
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हर बीतते पल से लगे की मिलने की घड़ी पास हैं.
वो बात अलग हैं की घड़ी रुकी हैं और ये झूठी आस हैं.

............After comments from Rahul and shweta.....................
दोस्त ने यहाँ पढ़ के  पूछा कर्म क्या हो गया ,
पूछने से ही लगा जैसे सारा गम कहीं खो गया.

.............After comment from Anshuman..................................
कुछ रिश्तो के इतिहास ने हमें शायर बना दिया.
और कुछ के दबाव ने हमे कायर बना दिया.